जयपुर. राजस्थान सरकार ने डीजल पर वैट बढ़ाकर 22 प्रतिशत और पेट्रोल पर 28 प्रतिशत कर दिया है। इससे डीजल पेट्रोल के दामों में इजाफा हो जाएगा। सरकार के इस फैसले से नाराज राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने एक दिन की सांकेतिक हड़ताल शुरू कर दी है। गुरुवार सुबह 6 बजे तक राज्य के 4300 में से 3500 पेट्रोल पंप बंद रहेंगे। एंबुलेंस व अग्निशमन वाहनों जैसी इमरजेंसी सेवाओं को पेट्रोल-डीजल दिया जाएगा।
अब तक राजस्थान में डीजल पर 18 और पेट्रोल पर 24 प्रतिशत वैट वसूला जा रहा था। लेकिन, सरकार ने 4 प्रतिशत वैट बढ़ा दिया है। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अनुसार पड़ोसी राज्यों की तुलना में राजस्थान में वैट अधिक है। राजस्थान में एक दिन में करीब 55 लाख लीटर पेट्रोल और करीब एक करोड़ 20 लाख लीटर डीजल की प्रतिदिन की खपत है, जिससे सरकार को पेट्रोल पर 15 करोड़ तथा डीजल पर 25 करोड़ रुपए हर दिए राजस्व मिलता है।
राजस्थान में डीजल-पेट्रोल के दाम ज्यादा हैं। होने के कारण बड़े वाहन राज्य में प्रवेश करने से पहले पड़ोसी राज्यों में ही टैंक फुल करा लेते हैं। इससे पेट्रोल पंप मालिकों को नुकसान हो रहा है। सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल तथा डीजल की मूल्य में काफी अंतर है। बड़े वाहन चालक राजस्थान की सीमा में प्रवेश से पहले उत्तर प्रदेश की सीमा में पेट्रोल पंप पर ईंधन भरवाते हैं। इससे बॉर्डर की सीमा सैंपऊ के अलावा जिलेभर के पेट्रोल पंप की बिक्री न्यूनतम स्तर पर आ गई है।
पेट्रोल पंप बंद होने से आम लोग भी काफी परेशान दिखे। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई तथा शषांक कुरानी ने बताया कि आम लोगों को परेशानी न हो, इसलिए सांकेतिक हड़ताल की घोषणा कई दिन पहले ही एसोसिएशन ने कर दी थी, फिर भी लोग पेट्रोल भरवाने आ रहे हैं।