जयपुर. ठगी का नया तरिका, ठगो के पास हर तकनीक का तोड़। एटीएम से पैसे निकालते समय -कोड डिवीजन मल्टीप्लेक्सिंग- सीडीएम मशीन के सेंसर से छेड़छाड़ करके बैंक के साथ धोखाधड़ी करने वाली गैंग का खुलासा करते हुए सोमवार को वैशाली नगर थाना पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दो ठगो को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी भरतपुर के पहाड़ी स्थित कानोर निवासी सलाम व सिकरी के गुलपाड़ा निवासी जितेन्द्र कुमार के कब्जे से अलग-अलग बैंक के एटीएम कार्ड बरामद किए है। दोनों आरोपी जयपुर में हरमाड़ा व गुर्जर की थड़ी इलाके में किराये के मकान में रहकर पढ़ाई कर रहे है।
आरोपी सलाम बीबीए व जितेन्द्र आईटीआई कर रहे है। डीसीपी कावेन्द्र सिंह सागर ने बताया कि पिछले महीने वैशाली नगर स्थित एसबीआई बैंक के मैनेजर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि एक खाताधारक सीडीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ करके 80 हजार रुपए की ठगी कर चुका। ऐसे में थानाधिकारी अनिल जैमन व एसआई राजेश के नेतृत्व में टीम गठित करके बैंक द्वारा मिली डिटेल व सीसीटीवी फुटेज का एनालिसिस करके दोनों आरोपियों की पहचान करके सोमवार को पकड़ लिया।
आरोपियों के पास से पांच बैंकों के कार्ड मिले हैं
एसीपी रायसिंह बेनीवाल ने बताया कि आरोपी शहर के वैशाली नगर, विद्याधर नगर, श्याम नगर व सिन्धी कैम्प इलाके में अलग-अलग बैंक की सीडीएम मशीनें चिन्हित कर रखी है। ऐसे में आरोपी सलीम तकनीक के बारे में अच्छा जानकार है। जो बूथ पर पैसे निकालने के दौरान जैसे ही पैसे मशीन के विड्राल बॉक्स पर आते है तो पैसे को रोककर तुरंत सेंसर से छेडछाड़ करके एरर जनरेट कर देता है। जिससे उनके खाते के ट्रांजेक्शन में विड्राल दिखाता है ओर मशीन की डिटेल में वो पैसे भुगतान नही होना दिखाता है। ऐसे में आरोपी कुछ देर बाद बैंक के कॉल सेन्टर पर फोन करके अपनी कंपलेन दर्ज करवाकर भुगतान वापस उठा लेते है। इस तरीके से आरोपियों ने चार ट्रांजेक्शन के एसबीआई बैंक के साथ 80 हजार रुपए की धोखाधड़ी करे चुके और बाकी बैंकों के एटीएम से मिले अकाउंट नंबर की ट्रांजेक्शन डिटेल की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के बाद बड़े वारदात का खुलासा हो सकता है।